निर्णायक-मंडल की भूमिका में मैने अपने आप को असहज महसूस किया-डॉ सी एस वर्मा ‘प्रभाकर

*ज्ञानोदय साहित्य संस्था, कर्नाटक* द्वारा होली के पावन पर्व पर *कविता-पाठ* प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । प्रतियोगिता में कर्नाटक प्रान्त के कवि-साहित्यकारों ने न केवल पटल पर अपनी मौलिक रचनाएँ रखी अपितु गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन बेहतरीन  प्रस्तुति भी दी । इस कार्यक्रम में मुझे भी आप कवि मित्रों की कविताएं सुनने … Continue reading निर्णायक-मंडल की भूमिका में मैने अपने आप को असहज महसूस किया-डॉ सी एस वर्मा ‘प्रभाकर

कर्नाटक के साहित्यकार बंधुओं के सम्मान में टिप्पणी-नेमीचन्द शाण्डिल्य

आपने कही हमने सुनीडॉ वसुधा कामत और डॉ सुनील कुमार परीट के सद्प्रयासों से होली-विशेषांक विषयक काव्य-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आप सभी हिंदी प्रेमियों ने राजभाषा हिन्दी में अपनी-अपनी अभिव्यक्ति दी।सबसे पहले आप सभी के इस उत्कट हिन्दी प्रेम को नमस्कार।रही बात प्रस्तुति की , सो सभी ने ईमानदारी से अपने मन के भाव … Continue reading कर्नाटक के साहित्यकार बंधुओं के सम्मान में टिप्पणी-नेमीचन्द शाण्डिल्य

श्री भारत भूषण वर्मा – आलेख

लेखक:-भारत भूषण वर्मा भारत देश संस्कारों की भूमि है । आधुनिकता के चलते वर्तमान जीवन-शैली में काफी बदलाव आया है । शिक्षा का प्रचार-प्रसार एवं व्यापक दृष्टिकोण होने से संस्कारों का दायरा संकुचित होता जा रहा है । ऐसे में बुजुर्गों की दशा चिंताजनक होती जा रही है । बड़े आश्चर्य की बात है कि … Continue reading श्री भारत भूषण वर्मा – आलेख

श्री सभाचंद यादव – आलेख

लेखक: सभाचंद यादवबुजुर्ग हर घर, समाज, देश व सभ्यता की रीढ़ हैं क्योंकि वे जिन्दगी के अनुभवों से ओतप्रोत होते हैं। यद्यपि वे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं लेकिन मानसिक रूप से कहीं ज्यादा प्रबल होते हैं । परिवार, समाज व देश पर आने वाली हर समस्या का समाधान हमारे वृद्धजनों के पास होता … Continue reading श्री सभाचंद यादव – आलेख

समीक्षा- श्री शिवराज सिंह चौहान

समीक्षक: शिवराज सिंह चौहान मंच को सादर नमन । साहित्य संस्कृति मंच हरियाणा* द्वारा आयोजित गोष्ठी जिसका विषय *बुजुर्गों की दशा एवं हमारा दायित्व* रहा है। वास्तव में एक ज्वलंत विषय आपने पटल पर रखा है । आज की संगोष्ठी गुरुग्राम से चलकर पूरे हरियाणा में घूमते हुए वाया जालंधर, गंगानगर राजस्थान तक पहुंची है। … Continue reading समीक्षा- श्री शिवराज सिंह चौहान

समीक्षा- डॉ ललित मोहन जोशी

समीक्षक: डॉ ललित मोहन जोशी मान्यवर!दिनांक 15 जून 2020 सोमवार को बुजुर्गों की दशा एवं दायित्व विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन साहित्य संस्कृति मंच हरियाणा द्वारा किया गया जिसमें अध्यक्ष पद को श्री कृष्ण कुमार यादव जी अध्यक्ष साहित्य संस्कृति मंच हरियाणा द्वारा सुशोभित किया गया। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में हमें … Continue reading समीक्षा- डॉ ललित मोहन जोशी

समीक्षा- श्री सत्यवीर नाहड़िया

समीक्षक: सत्यवीर नाहड़िया सादर.. साभार..साशा..मंच को प्रणाम…!गोष्ठी उद्देश्यपूर्ण रही, जिसके लिए कर्मठ संयोजनपक्ष, विद्वत प्रतिभागीवर्ग एवं प्रेरक संरक्षणमंडल को बधाई, साधुवाद देते हुए आभार प्रकट करता हूं।विषय के बहुआयामी पक्षों को बेहद रचनात्मकता के साथ रेखांकित किया गया, बुजुर्गों की दशा एवं दिशा के कारण के साथ विसंगतियों के निवारण पर भी संजीदा पक्ष शामिल … Continue reading समीक्षा- श्री सत्यवीर नाहड़िया

डॉक्टर इंदिरा गुप्ता यथार्थ — बुजुर्गों की दशा एवं हमारा दायित्व

लेखिका: डॉ इंदिरा गुप्ता यथार्थ एक गलत कदम उठा था राह-ए- शौक मेंमंजिल तमाम उम्र हमें ढूंढती रही हमारे घर के सम्मानित वृद्धजन की आखिर यह भयावह स्थिति क्यों ….यह यक्ष प्रश्न आज हम सब के मन के द्वार खटखटा रहा है ।इसका उत्तर भी हमारे मन में ही है…लेकिन हमने ही इस उत्तर को … Continue reading डॉक्टर इंदिरा गुप्ता यथार्थ — बुजुर्गों की दशा एवं हमारा दायित्व

श्री प्रदीप निर्बाण — बुजुर्गों की दशा एवं हमारा दायित्व

लेखक:प्रदीप निर्बाण सबसे बड़ा सवाल मुझे झकझोर कर देता है कि हमें यह जागरूकता-दिवस मनाने की आवश्यकता ही क्यों हुई!प्रश्न बहुत ही संवेदनशील व विचारणीय है।इस दिन की शुरुआत 15जून 2006 से UNO द्वारा की गई थी।इसका उद्देश्य अपने घर,आस- पड़ोस,व समाज में कहीं भी बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार व अमानवीय व्यवहार के खिलाफ आवाज … Continue reading श्री प्रदीप निर्बाण — बुजुर्गों की दशा एवं हमारा दायित्व

श्री अरविंद भारद्वाज— संस्कार-शाला व प्ररेणा स्रोत हैं बुजुर्ग

लेखक:अरविंद भारद्वाज आज की व्यस्त दौर में हम अपने बड़े बुजुर्गों की सलाह एवं परामर्श लेना तो जैसे भूल ही गए हैं । पहले दादी और नानी की कहानियों में साहस के साथ- साथ संदेश भी होता था । वो हमें अपनी कहानियों के माध्यम से समाज से जोड़ने का कार्य करते थे । उन … Continue reading श्री अरविंद भारद्वाज— संस्कार-शाला व प्ररेणा स्रोत हैं बुजुर्ग