संकलन:- #शैलेन्द्रसिंहशैलीधीरे-धीरे एक एक शब्द पढियेगा, आपके लिए मेहनत से संकलित किया है।हर एक वाक्य में कितना दम है ।✍️ "आंसू" जता देते है, "दर्द" कैसा है? "बेरूखी" बता देती है, "हमदर्द" कैसा है? "घमण्ड" बता देता है, "पैसा" कितना है?"संस्कार" बता देते है, "परिवार" कैसा है? "बोली" बता देती है, "इंसान" कैसा है? … Continue reading यही है जिंदगी
Category: शैलेंद्र सिंह “शैली” की रचनाएँ
लाश शहीद की
----शैलेन्द्र सिंह शैली लाश शहीद कीजब घर आती है,मां,बहन व पत्नीकैसे यह सब सह पाती है,उठो,जागो नौजवानआत्मा मेरी यह चिल्लाती है,पूछती है एक सवाल,जवानों की जगहनेताओं की लाशेंक्यों नहीं आती हैं,तब दिल रो उठता है,कह उठता है,वक्त नहीं अब सहने का,बस और नहीं अबचुप रहने का,गौर करो उस कश्मीर पर,नित्य न जानेकितनी मांओं के लालवहां … Continue reading लाश शहीद की
भागेगा कोरोना
🌴भागेगा कोरोना🌴वर्तमान में जग मेंयह कैसी बीमारी आई,सेहत के साथ-साथअर्थव्यवस्था भी हिलाई। लक्षण इसके दिखें तोबताने में नहीं है कोई बुराई,इसी में है खुद कीव देश की भलाई। दुनिया मे छाई हैयह नई बीमारी,डाक्टरऔर पुलिसखड़े हैं बन प्रहरी। इनका भीपरिवार है बच्चे हैं।पुलिस और डॉक्टरदेश भक्त सच्चे हैं। जान हथेली पर रखये देश सेवा में … Continue reading भागेगा कोरोना
शेरो-शायरी
लोग कहते हैं प्यार एक धोखा हैकाश ये धोखा मेरे साथ बार-बार हो। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ बहुत अच्छा है ग़म भी हैं इस दुनिया मेंखुशियां ही खुशियां होती तो हम कहां जाते। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ अब ये दिल नहीं सुनाएगा किस्सा-ए-दास्तांइस दिल ने मोहब्बत करना छोड़ दिया। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ अंगड़ाई ली उसने अपने घर मेंपड़ोसी रात भर जागते रहे। ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ … Continue reading शेरो-शायरी
पिता
हमारे लिएसंसार होता है पिता,मां का श्रृंगारहोता है पिता। भगवान का रूपहोता है पिता,दिल से सदादुआएं देता है पिता। अपना पेट काट-काट करहमें खिलाते थे पिता,ख़ुद की इच्छाओं कोदिल में दबाते थे पिता। बिना आंसू,बिना आवाज़ केरोते थे पिता,अब सोचता हूंक्या-क्या नहीं सहते थे पिता। कांटा भी कभी पैर मेंचुभने नहीं देते थे पिता,ख़ुद की … Continue reading पिता
मस्त सावन
आया मन मस्त सावनदिल में आग लगाई,कर ले तू आज कुछ नयादिल के कोने से आवाज़ आई। व्यापारी चल पड़ा पहाड़ मेंधंधा-धंधा वादियों में आवाज़ लगाई,मंदा-मंदा उधर से वापस आवाज़ आई। सावन की मस्ती मेंकोरोना तूने ये क्या आग लगाई,माशूका भी अबमेरे पास आने से घबराई। बीवी ने फरमाया,देखो कैसा वक़्त आया। न ताला लगाना,न … Continue reading मस्त सावन
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शहीदों को सलाम
हे हिन्द के जवान करते तुम देश रक्षा का काम,अ शहीदों तुम्हें मेरा सलाम। नतमस्तक मैं हो जाता हूं,जब याद शहीदों को करता हूं। भारत के वीर जवानों की शान निराली है,इनकी एक ललकार से दुश्मन की धरती हाली है। बहनों ने देश रक्षा हेतु इनकी कलाई पर राखी बांधी है,शत्रु के आगे जवान हमारे … Continue reading शहीदों को सलाम
श्री शैलेन्द्र सिंह शैली बुजुर्गों के प्रति हमारा दायित्व
लेखक: शैलेन्द्र सिंह शैली वर्तमान परिवेश में संयुक्त परिवारों का आज विघटन हो रहा है। परिवार की परिभाषा केवल पति पत्नी और बच्चों तक ही सीमित हो गई है। सास ससुर और मां-बाप परिवार की परिधि से बाहर हो चुके हैं।आज सास ससुर, मां-बाप और दादा-दादी की देखभाल एक अनावश्यक बोझ और अतिरिक्त दायित्व के … Continue reading श्री शैलेन्द्र सिंह शैली बुजुर्गों के प्रति हमारा दायित्व
कूलर जी
गर्मी आते ही हमेंकूलर की याद आई,कूलर ने हमेंगर्मी से राहत दिलाई। कूलर जी आपपानी बहुत पी जाते हो,लेकिन हमेंलू और गर्मी से बचाते हो। तुम गर्मी सेक्यों नहीं घबराते हो,कैसे हम तकठंडी हवा पहुंचाते हो। कई बार लग जाता हैकरंट तुम्हें छुने से,आता है मज़ा बसतुम्हारे सामने सोने से। बरसात में नकूलर को हाथ … Continue reading कूलर जी